भगवान श्री कालभैरव की आरती
तुम ही पाप उ धारक दुख सिंधु तारक स्वामी दुख सिंधु तारक भक्तों के सुख कारक भक्तों के सुख कारक भीषण धारक हो ज भैरव देवा वाहन स्वान विराजत कर त्रिशूल धारी स्मी कर त्रिशूल धारी महिमा मित है तुम्हारी महिमा मित है तो तुम्हारी जय जय भय हारी ओम जय भैरव देवा तुम बिन देवा
सेवा सफल नहीं होवे स्मी सफल नहीं होवे जो मुख दीपक दर्शन जो मुख दीपक दर्शन दुख खोवे खोवे ओम जय भैरव देवा तेल चटकी दधि मिश्रित भाषा वे तेरी प्रभु भाषा भतेरी कृपा कीज भैरव कृपा कीजिए भैरव करिए नहीं देरी ओम जय भैरव देवा पाओ घुंगरू
बाजत और डमरू दम कावत प्रभु अरडम रो दम बटुक नाथ बन बालक बटुक नाथ बन बालक जल मन हर सावत ते भरम देवा बटुक नाथ जी की आरती जो कोई नर गावे जो कोई नर गावे कहे धरनी इधर नर कहे धरनी धर नर वांछित फल पावे ओम जय भैरव देवा जय भैरव
देवा प्रभु जय भैरव देवा सुर नर मुनि जन सेवक सुर नर मुनि जन सेवक करते तेरी सेवा ओम जय भैरव देवा जय भैरव देवा प्रभु जय भैरव देव कुर नर मुनि जन सेवक कुर नर मुनि जन सेवक करते तेरी सेवा ओम जय भैरव जय भैरव देवा प्रभु जय भैरव
देवा सुर नर मुनि जन सेवक सुर नर मुनि जन सेवक करते तेरी सेवा ओम जय भैरव देवा जय भैरव देवा प्रभु जय भैरव देव सुर नर मुनि जन सेवक सुर नर मुनि जन सेवक करते तेरी सेवा ओम जय भैरव देवा तुम ही पाप उधार दुख सिंधु तारक स्वामी दुख सिंधु तारक भक्तों के सुख कारक भक्तों के सुख
कारक भीषण व पु धारक जय भैरव देवा धन स्वान विराजत कर त्रिशूल धारी स्वामी कर त्रिशूल धारी महिमा मित है तुम्हारी महिमा मित है तुम्हारी जय जय भय हारी ओम जय भैरव देवा तुम बिन देवा सेवा सफल नहीं होवे सफल नहीं होवे जो मुख दीपक दर्शन जो मुख दीपक दर्शन दुख खोवे
खोवे जय भैरव देवा तेल चटकी दधि मिश्रित भाषा भी तेरी प्रभु भाषा भे [संगीत] तेरी कृपा कीज भैरव कृपा कीजिए भैरव करिए नहीं दे री ओम जय भरम देवा पाओ घुंगरू बाजत और डमरू दम कावत प्रभु अर डमरो दम कावत बटुकनाथ बन बालक पटुक नाथ बन बाल लक जल मन हर
सावत ओम जय भैरव देवा बटुक नाथ जी की आरती जो कोई नर गावे स्वामी जो कोई नर गावे कहे धरनी धर नर कहे धरनी धर नर वांछित फल पावे ओम जय भैरव देवा जय भैरव देवा प्रभु जय भैरव देवा सुर नर मुनि जन सेवक सुर नर मुनि जन सेवक करते तेरी सेवा ओम जय भैरव
देवा जय भैरव देवा प्रभु जय भैरव देव र नर मुनि जन सेवक र नर मुनि जन सेवक कर तेरी सेवा ओम जय भैरव देवा जय भैरव देवा प्रभु जय भैरव देवा सुरी नर मुनि जन से सेवक सुर नर मुनि जन सेवक करते तेरी सेवा ओम जय भैरव देवा जय भैरव
देवा प्रभु जय भरम देवा रनर मुनि जन सेवक रनर मुनि जन सेवक करते तेरी सेवा ओम जय भैरव देवा तुम ही पाप उद्धारक दुख सिंधु तारक स्वामी दुख सिंधु भक्तों के सुख कारक भक्तों के सुख कारक भीषण व पु धारक ज भैरव देवा वाहन स्वान
विराजत कर त्रिशूल धारी स्वामी कर त्रिशूल धारी होवे सफल नहीं होवे जो मुख दीपक दर्शन जो मुख दीपक दर्शन दुख खोवे खोवे ओम जय भैरव देवा तेल चटकी दध मिश्रित भाषा भी
तेरी प्रभु भाषा भी तेरी कृपा कीजिए भैरव कृपा कीजिए भैरव करिए नहीं देरी ओ जय भरम देवा घुंगरू बाजत और डमरू दम कावत प्रभु अरा डमरो दम कावत बटुकनाथ बन बालक पटुक नाथ बन बालक जल मन हर शावत ओम जय भैरव देवा बटुकनाथ जी की आरती जो कोई नर
गावे स्वामी जो कोई नर गावे कहे धरनी धर नर कहे धरनी धर नर वांछित फल पावे जय भैरव देवा जय भैरव देवा प्रभु जय भैरव देवा सुर नर मुनि जन सेवक सुर नर मुनि जन सेवक करते तेरी सेवा ओम जय भैरव दे वा जय भैरव देवा प्रभु जय भैरव देव सुर नर मुनि जन से भक्त र नर मुनि जन
से भक्त करते तेरी सेवा ओम जय भैरव देवा जय भैरव देवा प्रभु जय भैरव देवा सुर नर मुनि जन सेवक सुर नर मुनि जन सेवक करते तेरी सेवा ओम जय भैरव देवा जय भैरव देवा प्रभु जय भरम देवा रनर मुनि जन सेवक र नर मुनि जन सेवक करते तेरी
सेवा ओम जय भ रब देवा तुम ही पाप उद्धारक दुख सिंधु तारक स्वामी दुख सिंधु तारक भक्तों के सुख कारक भक्तों के सुख कारक भीषण व पु धारक ओ जय भैरव देवा वाहन स्वान विराजत कर त्रिशूल धारी स्वामी कर त्रिशूल धारी महिमा मित है
तुम्हारी जय जय भय हारी ओम जय भैरव देवा तुम बिन देवा सेवा सफल नहीं होवे स्वामी सफल नहीं होवे चो मुख दीपक दर्शन चो मुख दीपक दर्शन दुख खोवे खोवे ओम जय भरम देवा तेल चटकी दधि मिश्रित भाषा भी तेरी प्रभु भाषा भी ते कृपा कीजिए भैरव कृपा कीज
भैरव करिए नहीं देरी ओते भैरव देवा पाओ घुंगरू बाजत और डमरू दम कावत प्रभु आरा डमरो दम कावत बटुकनाथ बने बालक पटुक नाथ बन बालक जल मन हर शावत ओम जय भैरव देवा बटुक नाथ जी की आरती जो कोई नर गावे स्म जो कोई नर गावे कहे धरनी धर नर कहे धरनी धर नर वांछित फल
पावे ओम जय भैरव देवा जय भैरव देवा प्रभु जय भैरव देवा सुर नर मुनि जन सेवक सुर नर मुनि जन सेवक करते तेरी सेवा ओम जय भैरव देवा जय भैरव देवा प्रभु जय हैरम देवा सुर नर मुनि जन सेवक र नर मुनि जन सेवत करते तेरी सेवा ओम जय भैरव