Gayatri Mantra Benefits : गायत्री मंत्र की शक्ति (सपनों को हकीकत में बदलें , इसको हल्के में ना ले )

Gayatri Mantra Benefits 


 गायत्री मंत्र की शक्ति (सपनों को हकीकत में बदलें , इसको हल्के में ना ले 




Gayatri Mantra Benefits  गायत्री मंत्र की शक्ति (सपनों को हकीकत में बदलें , इसको हल्के में ना ले





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गायत्री मंत्र की ताकत का आपको अंदाज़ भी नहीं है हम सब ये जानते हैं की वेद इस ब्रह्मांड का सबसे ताकतवर ज्ञान है लेकिन वेद अगर इतना ताकतवर है तो गायत्री मंत्र 

तो वेदों की मां मनी जाति है आप सोचिए गायत्री मंत्र के अंदर कितनी ताकत होगी अपना दिल और दिमाग थम के बैठ जाना क्योंकि आज मैं आपके सामने वेद और 

गायत्री मंत्र का ऐसा रहस्य खोलना वाला जो शायद आज तक आपको किसी ने ही बताया होगा आज के बाद आप गायत्री मंत्र और वेदों की ताकत को कैसे इस्तेमाल करना है यह समय गायत्री मंत्र की ताकत को समझना के लिए आपको मेरी बात ध्यान से सनी होगी सबसे

पहले आपको समझना होगा की ब्रह्मांड और ब्रह्म इन दोनों के बीच में डिफरेंस क्या है ब्रह्मा यानी की वह भगवान जिन्हें हम सब जानते हैं ब्रह्मा विष्णु महेश लेकिन ब्रह्मांड 

यानी अल्टीमेट रियलिटी एक ऐसा निराकार स्वरूप जो कहां से आया कैसे आया किसी को नहीं पता , जब ब्रह्मा नहीं थे विष्णु नहीं थे और ना शिवा थे तब था ब्रह्मांड 

अल्टीमेट रियलिटी ब्रह्मांड के साथ एक और चीज थी जिसे वॉक कहा जाता है यानी की साउंड हम सबको पता है ओम एक ऐसा मंत्र है जो कब आया कहां से आया कैसे आया

कोई नहीं जानता है तो जो ब्रह्मांड है उसके साथ था ओम उसके साथ था आवाज साउंड वॉक अब ब्रह्मांड यानी की अल्टीमेट रियलिटी और वॉक इन दोनों से बने ब्रह्मा 

विष्णु और महेश , जिसको आज हम साइंस के नाम पर एटम्स के साथ समझते हैं न्यूट्रॉन इलेक्ट्रॉन प्रोटॉन यह आइटम के अंदर आया कहां से किसी को नहीं पता ना 


साइंस ने इस चीज को कभी प्रूफ किया ब्रह्मा विष्णु महेश प्रोटॉन न्यूट्रॉन इलेक्ट्रॉन लेकिन यह आया कहां से यह कोई नहीं जानता है बस हमें इतना पता है की

ब्रह्मांड था ब्रह्मांड के साथ आवाज थी साउंड था और वहां से बने ब्रह्मा विष्णु और महेश अब जैसे साइंस में एक एटम को मोशन में लाने के लिए एक्शन में लाने के लिए 

आउटपुट देना पड़ता है कुछ एक्सटर्नल एनर्जी देनी पड़ती है अब वही एनर्जी ब्रह्मा विष्णु और महेश को देनी पड़ेगी तो अल्टीमेट रियलिटी जिसकी मैं बात कर रहा हूं वहां से 

ब्रह्मा और विष्णु और महेश को एनर्जी मिलती है जिसे हम शक्ति के नाम से जानते हैं इस वजह से हमें ब्रह्मा विष्णु महेश के साथ एक गॉड्स देवी देखने को मिलती है लेकिन 

अब आगे जो मैं बताने वाला हूं उसको समझना के लिए आपको ब्रह्मा विष्णु और महेशको अलग-अलग नहीं बल्कि एक समझना होगा एटम्स के अंदर भी प्रोटॉन न्यूट्रॉन 

इलेक्ट्रॉन तीन अलग चीज हैं लेकिन हम कभी इन तीन को अलग समझते हैं नहीं हम पूरे एटम को एटम समझते हैं इस प्रकार से ब्रह्मा विष्णु और महेश इन तीनों को जब 

हम एक कर देंगे तो इन्हें वेदों में कहा गया है प्रजापति अब प्रजापति के अंदर आपको पता है की अल्टीमेट रियलिटी से साउंड भी आया था तो अब ये जो प्रजापति है जिसके 



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अंदर ब्रह्मा विष्णु और महेश है इनके साथ वॉक है और शक्ति है अब जब इनके पास वॉक और शक्ति है तो यह अपने अंदर यह सोचना शुरू करते हैं किस सृष्टि उन्हें कैसे बनानी है

सृष्टि कैसे चीज होगी कैसे अलग-अलग क्रिएटर होंगे वह सोचना शुरू करते हैं यह प्रजापति जब यह प्रजापति अपने अंदर इस सृष्टि की कल्पना करना शुरू करते हैं तो 

वह सृष्टि बन्ना शुरू हो जाति है सुनने में लॉजिक लग सकता है की कैसे कुछ सोने से इतना बड़ा ब्रह्मांड बन गया कैसे इतनी बड़ी पृथ्वी बन गई कैसे अलग वजह से मंत्र के 

तोर पर समझाया गया है वो से मैं आपको आज समझता हूं उसके बाद धीरे-धीरे गायत्री मंत्र का वो राज आपके सामने को लूंगा तो वेदों में सृष्टि की बनावट के बड़े में सबसे पहले ये चीज कहीं गई है इसका मतलब प्रजापति ने अपनी शक्ति

के साथ ये सोचा की मैं अपने आप को अलग-अलग हसन में बंटून और इस सृष्टि की कल्पना करूं उसके बाद ये कहा जाता है जिसका मतलब है वॉक यानी आवाज हम 


सब जानते हैं आवाज क्या होती है लेकिन आवाज केवल जो मुख से बोलते हैं वो नहीं होती है हम अंदर जो सोच रहे हैं वह भी एक आवाज है आप सब ने यह नोटिस किया 

होगा की जब हम सोचते हैं तो वह सोच हमें सुने देती है तो वह जो सोने की अंदर प्रोसेस चल रही है वह भी एक वाक्य ने अपनी शक्ति के साथ मिलकर अंदर यह 


आवाज लगा यानी की अंदर से यह सोचना शुरू किया की कैसे सृष्टि की कल्पना हो कैसे सृष्टि बने तो जब प्रजापति ने अपनी शक्ति के साथ

इस चीज को सोचा तो वेदों में आगे यह कहा गया है की शक्ति जो है वो प्रेग्नेंट हो गए अब यहां प्रेग्नेंट का मतलब रियलिटी में वो प्रेग्नेंट ही नहीं की बच्चा अंदर से निकलेगा 


वेदों में सभी चीजों को इंक्रिप्ट कर रखा होता है तो यहां प्रेगनेंसी का मतलब है की जब प्रजापत ने अपने वाक्य के साथ मिलकर ये चीज सोची की कैसे सृष्टि बनेगी तो उनके 

अंदर एक डिजायर उत्पन्न हुआ एक कल्पना उत्पन्न हुई इसको प्रेगनेंसी कहा गया है फिर आखिर में यह कहा गया है की वो डिजायर अंदर से बाहर आया और वो डिजायर ने 

एक सृष्टि का रूप ले लिया और हम सबको आज जो देखने को मिलता है वह

प्रजापति के अंदर से निकाला हुआ डिजायर है यह सब कुछ सुनने में बड़ा लॉजिकल लगता है और इसी वजह से लोगों तक ये चीज पहुंची नहीं है मैंने तो इतना इजी करके 


Gayatri Mantra Benefits  गायत्री मंत्र की शक्ति (सपनों को हकीकत में बदलें , इसको हल्के में ना ले





आपको यह चीज समझे और शायद ही किसी ने आपको इस प्रकार से बताई होगी लेकिन अगर आप इस पुरी सिचुएशन को एनालाइज करेंगे गौर से समझेंगे तो आप एक 

चीज पाएंगे की सृष्टि की कल्पना रियलिटी में हुई उसके पहले सृष्टि प्रजापति के अंदर बन चुकी थी किसके फॉर्म में वॉक के फॉर्म में उसे आवाज के फॉर्म में अगर आपको 

कुछ भी बोलना है तो वो बोलने की जो भीम है वो पहले अंदर से शुरू होती है आपको जो भी बोलना है वो

सिग्नल आपके मन को पहुंचता है फिर मन उसको क्रिएट करता है और आप उसे बोलते हैं यही से कॉन्सेप्ट को समझना इस प्रकार से की प्रजापत ने अपने अंदर वह 


सिगनल्स दिए मन को की मुझे इस प्रकार से सृष्टि की कल्पना करनी है तो सबसे पहले सृष्टि की कल्पना बाहर नहीं हुई सबसे पहले सृष्टि प्रजापति के अंदर वाक्य के रूप में 

बनी तो ये जो वॉक है जो प्रजापति ने अपने अंदर सोचा यही तो हमारा वेद है वेद को ही पुस्तक नहीं थी वेद एक ऐसा ज्ञान था जी ज्ञान से सृष्टि बनी थी और वह ज्ञान सबसे 

पहले उत्पन्न हुआ था प्रजापति के अंदर तो इस वॉक को वेद कहा

जाता है उसके बाद वेद व्यास जी ने उसे अलग-अलग ज्ञान को जिसको सोनी की जरूर है वेदों का इनफैक्ट मतलब ही होता है वेद शब्द का मतलब होता है 


जिसको जानना तू नो तो जो हमें जन की जरूर थी वो वेद व्यास जी ने कर अलग-अलग क्षेत्र में कंपिल करके हमें दिया जिसके नाम हम सब जानते हैं ऋग्वेद और वेद 

यजुर्वेद सामवेद जैसे महेंद्र सिंह धोनी के जीवन में उतार-चढ़ाव बहुत सारे हैं लेकिन अगर हम उसे उतार-चढ़ाव से कुछ सिख लेना चाहते हैं तो कोई महेंद्र सिंह जी के 

जीवन पर मूवी बनाएगी जो हम सब ने अच्छी और उसे मूवी के अंदर वो सारे उतार-चढ़ा आपको उसे प्रकार

से प्रेजेंट किया गया की हम उसे पुरी लाइफ स्टोरी से कुछ सिख पे तो इसी प्रकार से वेदव्यास जी ने यह जो प्रजापत जी के अंदर हो रही वक्त की कल्पना जो थी उसे पूरे 


ज्ञान को कर कैटिगरी में डिवाइड कर दिया इसी वजह से वेदों के अंदर आपको सभी सवालों के जवाब मिलते हैं इस सृष्टि के क्योंकि ये सृष्टि जो बनी उसके पहले वेद यानी 

की वो ज्ञान प्रजापति जी के अंदर बन चुका था इस वजह से हम वेदों के अंदर सब कुछ ढूंढ सकते हैं क्योंकि वहीं से तो ये सृष्टि बनी है और इस वजह से कहा जाता है 

की सृष्टि से पहले वेद बने थे ये बड़ा कन्ज्यूरिंग है अगर आप एक इनलाइटेड बीइंग

है या फिर अगर आप स्पिरिचुअल पे है तभी आप इस चीज को समझ पाएंगे मेरा कम है आप लोगों को इस चीज को इजी करके समझना वो मैं आपको समझा रहा हूं लेकिन 

अब मुद्दे की बात पे आते हैं गायत्री मंत्र गायत्री मंत्र कैसे इतना ताकतवर है इसके अंदर गायत्री मंत्र आया कहां से हम सब ये जानते हैं की गायत्री मंत्र में गायत्री का मतलब 

किसी भी चीज को गाना एक सॉन्ग तो अब ये जो हम है यह जो सॉन्ग है यह जो गायत्री है उसका बेस क्या है वॉक करेक्ट और इस सृष्टि की कल्पना का बेस क्या है वॉक यह सृष्टि की कल्पना रियलिटी में हुई उसके पहले प्रजापति जी के अंदर

हुई और प्रजा पति के अंदर जो हुआ उसे वाक्य कहते हैं तो उसे वॉक से वेद बने उसे वाक से ये पुरी सृष्टि बनी और वो जो वॉक है वह क्या है गायत्री इस वजह से हम वेदों 

को गेट हैं वेदों को कभी पढ़ा नहीं जाता वेदों को गया जाता है तो इस वजह से गायत्री को वेदों की मां कहा जाता है सिंपल करके समझा देता हूं सिंपल वे में ये सब कुछ 

भूल जो सिंपल वे में समझ लेते हैं इस चीज को आपके अंदर आपने कोई चीज को सोचा और वो चीज अंदर सोने के बाद रियलिटी बनी यानी की आपको सामने मिट्टी से किसी मूर्ति को बनाना है तो वो मूर्ति आपके अंदर पहले बनेगी आपकी सोच में पहले

बनेगी उसके बाद अब अपने हाथों से उसे मूर्ति को बनाएंगे तो वो मूर्ति रियलिटी में बनी उसके पहले आपके अंदर बन चुकी थी करेक्ट इस प्रकार से प्रजापति के अंदर यह सृष्टि 

की कल्पना पहले हो चुकी थी वह हुई किस फॉर्म में थी वाक्य के फॉर्म में आवाज के फॉर्म में जो आवाज प्रजापति के दिमाग तक पहुंची और उसके बाद वो कल्पना कर रहे 

हैं रियलिटी में सृष्टि की वो डिजायर बाहर आके रियलिटी बन गया लेकिन शुरुआत हुई थी अंदर से तो वह जो वॉक है वो वॉक खुद में गायत्री है इसी वजह से गायत्री मंत्र की शुरुआत होती है ओम भर बुवा स्वाहा क्यों होती है

ओम भर बुवा स्वाहा को अगर आप समझेंगे तो उसका मतलब ही तो यह है भर जब ब्रह्मा जब विष्णु जब महेश ये तीनों ने मिलकर यानी की प्रजापत ने भर शब्द को अंदर 

से निकाला तो यह भूमि बन गई है अगर आप समझ का रहे हैं मेरी बात को तो गायत्री मंत्र एक ऐसा मंत्र है एक ऐसी चीज है जो आप जैसा सोच रहे हो वैसा रियलिटी 

में बादल शक्ति है इस वजह से हमें यह कहा जाता है की गायत्री मंत्र हमें विदाउट इनीशिएशन नहीं करना चाहिए जो जानू धारी होते हैं वही करते हैं ऐसा क्यों है कोई 

रूल ऐसा नहीं है की जानें ही कर सकते हैं लेकिन हम मनुष्य हैं हमारा दिमाग चंचल होता है और हमारे थॉट्स

कभी क्लियर नहीं होते हैं और अगर हम ऐसे समय पे गायत्री मंत्र का उच्चारण करते हैं तो वो गायत्री मंत्र हम जैसा सोच रहे हैं हमारे अंदर जैसे डिजायर्स हैं उन्हें डिजायर्स को 

रियलिटी में बादल देगा इस वजह से यह कहा जाता है की जो जानें धारी है यानी की उनका इनीशिएशन हो चुका है वह अब पूरे थॉट्स रखते हैं तो उन लोगों को ही गायत्री 

मंत्र गाने के लिए कहा जाता है कोई और गायत्री मंत्र का उच्चारण नहीं कर सकता है ऐसा कुछ नहीं है गायत्री मंत्र का उच्चारण हम सब कर सकते हैं अगर आपको पता है की आपके थॉट्स क्लियर है अगर आपको पता है की आप अंदर से सात्विक हैं तो गायत्री

मंत्र एक ऐसा मंत्र है जो आपकी सोच को हकीकत में बादल सकता है गायत्री मंत्र आप बोलिए मैंने मेरा कम कर दिया मैंने आपको जो समझना था वह समझा दिया अब आप 


लोगों तक यह पुरी जो मैंने बातें कहीं वो अगर पहुंच गए तो समझ लेना आप लकी ऊपर किसी का आशीर्वाद है तब जाकर आपको यह ज्ञान समझ में आया होगा मैंने 

अपने आपको यहां बड़ा दिखा रहा हूं ना मैं अपने ज्ञान को बड़ा दिखा रहा हूं जो मैंने समझा जिससे मेरे जीवन में अच्छी चीज होने लगी जिससे मेरे जीवन में अच्छाइयां आने लगी मैं क्यों उसे चीज को छिपा के रखूं मैं आपको दे देता हूं अब टाइम ए चुका है आप इसका

इस्तेमाल आपके ऊपर है पूरा रिस्क आपकी इच्छा है गायत्री मंत्र को गलत तरीके से इस्तेमाल करना अच्छे तरीके से इस्तेमाल करना इस वजह से कहते हैं की हमें शुरुआत 


के कर शब्द गायत्री मंत्र में नहीं बोलना चाहिए जब तक इन्हीं से नहीं होता है ओम भर बुवा स्वाहा करेक्ट अब बहुत साड़ी अच्छी चीज हैं जो शायद मैंने आपको अभी नहीं 

बताई है मैंने आपको बहुत ही कम और सिंपल वे में गायत्री मंत्र के उसे राज को समझाया वेदों के उसे राज को समझाया अगर आप यहां तक सुन रहे हैं आपको अगर समझ में आया तो मेरी बस आपसे एक गुजारिश है एक होप है की आप मुझे कमेंट

क्षेत्र में बताइए की आपने इस चीज को समझा मेरा बस यह मकसद की आप में से कुछ लोग समझ जाए और अगर आप समझे हैं तो किसी और भी लोगों तक ये पहुंचे मेरा इसमें जो फायदा होने वाला है वह सब आपके लिए ही रिटर्न में आने वाला है नमस्कार


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